गुरु जी : हाय रे.... हाय राम.... हाय राम.... अब का होगा.... वर्चस्व तो खत्म हो रहा है.... हाय राम अब कैसे स्थापित होगा.... हाय राम पेट पीरा रहा है कोई बचाओ.. पेट पीरा रहा है.... ?
चेला : का हुआ का हुआ गुरु जी, का हुआ इतना दर्द के मारे काहें कह रा रहे हो ? का पीरा रहा है ?
गुरु जी : पेट पीरा रहा है ?
चेला : अभी डॉक्टर बुलाता हूँ ?....
गुरु जी : नही नही मुझे दवा की नही मंत्र की जरुरत है, सिर्फ तीन बार बोलो ब्राह्मण श्रेष्ठ है ?
चेला : जी गुरु जी.... ब्राह्मण श्रेष्ठ है, ब्राह्मण श्रेष्ठ है, ब्राह्मण श्रेष्ठ है.... ? अब कैसा लग रहा है गुरु जी ?.
गुरु जी : अब ठीक लग रहा है !
चेला : पेट क्यों पीरा रहा था गुरु जी ?.
गुरु जी : का बताऊं जिसका डर था वही हुआ अछूत डॉ आंबेडकर ने संविधान में लिख दिया की जाति के आधार पर देश में कोई छोटा या बड़ा नही, जाति वर्ण लिंग के आधार पर कोई भेद भाव नही होगा, सभी एक समान हैं ?.
चेला : ई तो बहुत बुरा हुआ गुरु जी अब ब्राह्मण वर्चस्व टूटेगा, और हो सकता खत्म भी हो जाए ?
गुरु जी : नही नही ऐसे कैसे ? हम संविधान का विरोध करेंगे जाओ कलम कागज लाओ अभी लिखता हूँ संविधान के विरोध में लेख कल इसे मुख पात्र ऑर्गनाइजर में छाप देना !
गुरु जी की कलम से 30 नवंबर 1949, ऑर्गनाइजर :
भारत के संविधान में सबसे खराब बात यह है कि इसमें कुछ भी भारतीय नही है, भारतीय प्राचीन कानून संस्कृति संस्थाओं की कोई बात नही करता. इस संविधान में वैदिक सभ्यता का एक कण तक नही है, धर्म ग्रंथों का कोई निशान नही है. फिर हम क्यों माने इस संविधान को ?
सबसे अच्छा संविधान तो हजारों वर्ष पूर्व महान दार्शनिक ऋषि मनु मनुस्मृति में सारे नियम कायदे लिख चुके हैं. इसी में थोड़ा फेर बदलकर संविधान का दर्जा दे देना चाहिए.... दी एंड !
बीजेपी आरएसएस को डॉ बाबा साहेब का संविधान पसंद नही, इन्हें मनु की मनुस्मृति पसंद है जिसमे शूद्रों अछूत को धन संपत्ति रखने का अधिकार नही, शिक्षा का अधिकार नही. मनुस्मृति सारी शक्ति टोटल कमांड ब्राह्मणों को देती है वही राजा है वही नितिकार हैं उनके मुख से निकली हर वाणी नियम कानून है !
डॉ बाबा साहेब आंबेडकर ने भारतीय संविधान में समानता का अधिकार देकर वैदिक ब्राह्मण वर्चस्व को ध्वस्त कर दिया !
संविधान दिवस की बधाई !
✍🏼Kranti Kumar