सिकंदर ने नंद साम्राज्य से टकराना उचित नहीं समझा और लौट गया। मगध के शासक महान नंद थे।
ये बताते ही चाणक्य की मूर्ति टूट जाती। चाणक्य एक नक़ली करेक्टर है। ब्राह्मण श्रेष्ठता को स्थापित करने के लिए उसे गढ़ा गया।
सच बताने से एक और बहुजन महानायक नंद भी स्थापित हो जाता। मौर्यों से नंद का टकराव हुआ। लेकिन नंद साम्राज्य का वैभव भी कोई कम नहीं था।
चाणक्य को महान बताने के लिए नंद की महानता को मिटाना ज़रूरी था। लेकिन चाणक्य राजा तो था नहीं। चाणक्य से सिकंदर की हार दिखा नहीं सकते थे।
इसलिए ये कहानी अधूरी बताई गई कि किससे टकराकर सिकंदर लौट गया।
आदित्यनाथ की कोई गलती नहीं है। किताब में बताते ही नहीं है कि सिकंदर पीछे क्यों लौटा।
चाणक्य को जो महान बताना है!
Credit - Dilip C Mandal(senior Journalist)