हत्या नरसंहार और लूटपाट का दौर उसी दिन शुरू हुआ जिस दिन कोलंबस का जहाज हिसपोनिअला के तट से टकराया. वह मनहूस तारीख थी पांच दिसंबर 1492.
स्पेनिश आक्रमण से पहले हिसपोनिअला पर टाइनो जनजाति का बसेरा था. वे आत्मनिर्भर समाज थे. 3,00,000 टाइनो आबादी का नरसंहार कर उनका अस्तित्व मिटा दिया गया.
पंद्रहवीं शताब्दी में हिसपोनिअला के लिए फ्रांस और स्पेन में युद्ध हुआ. पश्चिम हिसपोनिअला फ्रांस ने रखा और पूरबी हिस्सा स्पेन के पास गया. आगे चलकर पश्चिम का हिस्सा हैती बना और पूरब का हिस्सा डोमिनिक रिपब्लिक.
हैती में फ्रांस को नील कपास गन्ना कॉफी और तंबाकू उत्पादों की खेती करानी थी. उत्पादन के लिए गुलाम चाहिए थे. अफ्रीका से गुलामों को खरीद कर हैती में बसाना शुरू किया.
गुलामों की कई पीढ़ी गुलामी के भेंट चढ़ गई ताकि फ्रांस के लोग बेहतर जीवन व्यतीत कर सकें. अफ्रीका के गुलामों को लगता था जरूर एक दिन मालिक का हृदय परिवर्तन होगा और वे आज़ाद पंछियों की तरह उड़ान भरेंगे.
आज़ाद होने का वह दिन आया लेकिन मालिक के हृदय परिवर्तन से नही. गुलामों के बीच से क्रांति का उदय होता है जिसके जनक थे जनरल Toussaint Louverture जो अफ्रीकी मूल के थे और फ्रांस की सेना में जनरल थे. जिन्हें हैती में अपने ही लोगो पर जुल्म करने के लिए फ्रांस ने नियुक्त किया था.
जनरल Toussaint Louverture ने अपने लोगों पर अत्याचार करने से इनकार कर फ्रांस साम्राज्यवाद से आज़ादी का बिगुल बजा दिया. 1792 में हैती क्रांति की शुरुआत हुई.
हैती क्रांति में चार मुख्य क्रांतिकारी किरदार हैं.
1 - Toussaint Louverture
2 - Jean Jacques Dessalines
3 - Henri Christophe
4 - Alexandre Petion
5 - Francois Capois
1803 में Toussaint Louverture की फ्रांस ने धोखे से हत्या कर दी. बाकी चार क्रांतिकारियों ने अपने युद्ध कौशल के बल पर फ्रांस से आज़ादी के लिए लड़ते रहे.
1804 में फ्रांस हार गया और हैती ने फ्रांस से आज़ाद होने का एलान किया. इस तरह हैती दुनिया का पहला मुल्क बना जहां अफ्रीकी गुलामों ने अपने मालिकों को पराजित कर सत्ता संभाली. इस जीत ने 2000 साल पुरानी ग्रीक गुलाम स्पार्टाकस के शासक बनने की हार से खड़ी हुई उस धारणा को बदल दिया जब कहा जाता है गुलाम शासक नही बन सकते.
नए हैती में शासक और प्रजा एक ही रंग के थे. अब प्रजा को लगने लगा अच्छे दिन आएंगे. लेकिन हैती की प्रजा ने 217 सालों से कभी अच्छे दिन नही देखे.
हैती का शासक बने Jean Jacques Dessalines. इनपर अन्य क्रांतिकारियों ने तानाशाह होने का आरोप लगया. Dessalines की हत्या कर दी गयी और उनके शरीर के अंगों को काटकर कुत्तों को खिला दिया गया.
1806 में शासक बने Henri Christophe और Alexandre Petion. इन दोनों में भी नही बनी, हैती में गृह युद्ध हो गया. Henri ने अपने ही साथी क्रांतिकारी Francois Capois की हत्या इस डर से कर दी कहीं वो विपक्षी सेना से ना मिल जाए.
Henri और Alexandre के आपसी अहंकार के कारण हैती दो भागों में विभाजित हो गया. उत्तर हिस्सा Henri को और दक्षिण हिस्सा Alexandre को मिला. गृह युद्ध के कारण हैती की अर्थव्यवस्था और सामाजिक विकास गड़बड़ा गया. फ्रांस को हराने वाला हैती बेहद गरीब और कमजोर हो गया.
कुछ साल बाद Henri की भी हत्या कर दी गयी. और 1825 में Pierre Boyer ने उत्तर और दक्षिण हैती को जोड़कर एक राष्ट्र बनाया. कमजोर जर्जर हैती पर फिर से फ्रांस ने नजर गड़ाई. फ्रांस ने कहा हैती क्रांति के कारण उसे काफी नुकसान पहुंचा. हैती को हर्जाना देना होगा और नही दिया तो युद्ध के लिए तैयार रहना होगा ?
1947 तक हैती फ्रांस का सूत समेत कर्जा चुकाता रहा. हैती के इतिहास में इस देश को कभी बेहतर नेता शासक नही मिला जो हैती के हर दर्द को मिटा सके. हैती के शासकों ने इस देश को दर्द से सिवा आज तक कुछ नही दिया.
दो दिन पहले हैती के राष्ट्रपति Jovenal Moise के घर में हमलावरों ने घुसकर उनकी निर्मम हत्या कर दी. साम्राज्यवाद ब्राह्मणवाद पर अध्ययन होना चाहिए लेकिन गुलाम रह चुके लोगों की मानसिक स्थिति पर भी अध्ययन होना चाहिए.
आखिर क्यों OBC SC ST नेता आपस में इतना लड़ते हैं.
- Kranti Kumar