हेलमंद से काबुल की दूरी 700 किलोमीटर है... काबुल से दिल्ली की दूरी 990 किलोमीटर है... दिल्ली से नालंदा की दूरी 1170 किलोमीटर है !
अफ़ग़ानिस्तान के हेलमंद में तुर्क ख़ानाबदोश परिवार में जन्मा मुहम्मद बिन बख्तियार खलजी, 2860 किलोमीटर की दूरी तय कर भारत में अपना भविष्य सवारने आता है !
कुतुबुद्दीन ऐबक की सेना में मामूली कमांडर बना. अवध के सुल्तान मलिक माशमुद्दीन के आशीर्वाद से मिर्ज़ापुर का जागीरदार बन बैठा !
बख्तियार खलजी को नालंदा विश्वविद्यालय को तहस नहस करने का दोषी ठहराया जाता है. लेकिन इतिहासकार यह बताने में असफल हैं उसने सिर्फ बौद्ध धर्म से जुड़े हुए शिक्षा संस्थानों, जैसे नालंदा विश्वविद्यालय, बौद्ध विहारों को क्यों तोड़ा जलाया.. सनातन मंदिरों मठों को क्यों नही तोड़ा ?
बिना स्थानीय राजाओं के मदद से आज तक कोई विदेशी हमलावर अपना साम्राज्य या सत्ता नही स्थापित कर पाया. यह असंभव सा लगता है 2860 किलोमीटर दूर से आकर एक तुर्क लुटेरा सोने आभूषण के भरे पड़े मंदिरों को छोड़कर, दुनिया की सबसे बड़ी शिक्षा संस्थान को तोड़कर आग के हवाले कर देता है ?
ब्राह्मण इतिहासकारों अनुसार नालंदा विश्वविद्यालय में आयुर्वेद विभाग प्रमुख आचार्य राहुल श्रीपद ने बीमार बख्तियार खजली का इलाज किया. एहसान के बदले उसने नालंदा विश्वविद्यालय को जला दिया ?
बौद्ध शिक्षा संस्थान में ब्राह्मण आयुर्वेदाचार्य कहां से आ गया ?
जैसे हर कामयाब इंसान के पीछे एक औरत होती है. उसी तरह हर कामयाब विदेशी शासकों के पीछे कई क्षत्रिय राजपूत राजा होते हैं. कौन है वह क्षत्रिय राजा जिसके इसारे पर बख्तियार खलजी ने नालंदा को बर्बाद कर दिया ?
✍️Kranti Kumar
✍️Kranti Kumar