Type Here to Get Search Results !

जिन नेताओं को लोकसभा राज्यसभा में भेजा है, वे भी पूंजीपतियों के हाथों बिक चुके हैं

राज्यसभा में किस दल की कितनी ताक़त !

पक्ष - 116 सीट.
विपक्ष - 127 सीट.

फिर भी बिल पास होने से रोक नही पाए. तुम 127 और ऊ लोग 116, फिर भी हरा नही पाए !

सोचा राज्यसभा में स्पीकर का माइक तोड़ने से, हो हल्ला मचाने से, कागज फाड़ने से.... क्रांति कुमार खुश होगा, शाबासी देगा. सुअर के बच्चों हम तुमको सज़ा दूंगा. तुम सब मिलकर हमारे देशवासियों के आंखों को धूल झोंक रहा है !

सनातन धर्म में दो हिस्सा है. एक वैष्णव संप्रदाय और दूसरा शैव संप्रदाय. दोनों एक दूसरे से बहसबाजी.. तर्क वितर्क.. लड़ाई करने की नौटंकी करते है. ताकि दूसरों से बहस तर्क लड़ाई से बचा जा सके. पक्ष विपक्ष का खेल आपस में ही खेलते हैं. ताकि दूसरे विचारधारा को विपक्ष या पक्ष का स्थान ना मिल पाए !

शैव संप्रदाय मानने वाले शिव को अपना सर्वोच्च देवता मानते हैं. कांग्रेस पार्टी शैव सम्प्रदाय की तरह कार्य करती है. कांग्रेस पार्टी के अनुयायी गांधी परिवार को अपना सर्वोच्च नेता मानते है !

वैष्णव संप्रदाय के अनुयायी विष्णु को अपना सर्वोच्च नेता मानते हैं. और विष्णु के दस अवतारों को भी अपना आराध्य देव मानते हैं. भारतीय जनता पार्टी वैष्णव संप्रदाय की तरह कार्य करती है. बीजेपी नेताओं का सर्वोच्च नेता गोलवलकर हैं. सावरकर, मुंजे, देवरस, सुदर्शन, अटल बिहारी वाजपेयी, लालकृष्ण आडवाणी, नरेंद्र मोदी, मोहन भागवत जैसे नेताओं में भी अपार श्रद्धा रखते हैं !

यह सारे नाम ब्राह्मण हैं... ठाकुर या वैश्य हो सकते हैं. लेकिन इनमें से कोई किसान, पशुपालक, कामगार, कारीगर या मजदूर वर्ग से नही हैं !

किसान मजदूर वर्ग ने जिन नेताओं को लोकसभा राज्यसभा में भेजा है, वे भी पूंजीपतियों के हाथों बिक चुके हैं. ध्यान रहे बीजेपी, कांग्रेस, कम्युनिस्ट पार्टियों के नेता ब्राह्मण क्षत्रिय या वैश्य हैं. इस जाति के नेता कृषि नही करते !

जाट गुज्जर मीना अहीर कुर्मी पटेल कोईरी लोध... एससी और एसटी वर्ग के लोग किसान हैं. किसान का दुख सुख ब्राह्मणो क्षत्रियों को क्या पता. यह तो राजाओं के यहां सामंत थे या जमींदारी करते थे !

जो वर्ग शोषण करता था, उसी के हाथ में शासन दोगो तो क्या करेगा वो ? पक्ष में भी वही है और विपक्ष में भी वही है !

शैव और वैष्णव दोनो वेद पुराण की सर्वोच्चता को मानते हैं. कांग्रेस और बीजेपी भी वेद पुराण ऋग्वेद आदि को सर्वोच्च ग्रंथ मानते हैं !

संविधान को सर्वोच्च सम्मान प्राथमिकता और मानने वाले लोग संसद भवन नही हैं !

✍️Kranti Kumar
Mr✍️Kranti Kumar
Tags

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ
* Please Don't Spam Here. All the Comments are Reviewed by Admin.