Type Here to Get Search Results !

UP: स्कूल में बच्चों को नमक-रोटी देने का मामला, पत्रकार पर मुक़दमा


उत्तर प्रदेश के मिर्ज़ापुर में पुलिस ने मिड डे मील में बच्चों को नमक के साथ रोटी खिलाए जाने की ख़बर देने वाले स्थानीय पत्रकार के ख़िलाफ़ मुक़दमा दर्ज कर लिया है.
प्रशासन का आरोप है कि पत्रकार पवन जायसवाल ने साज़िश के तहत उत्तर प्रदेश शासन को बदनाम किया है.

मिर्ज़ापुर के पुलिस अधीक्षक अवधेश कुमार पांडे ने कहा, "ज़िला अधिकारी की ओर से जांच कराए जाने के बाद पत्रकार पवन जायसवाल समेत तीन लोगों के ख़िलाफ़ मुक़दमा दर्ज किया गया है."

एक स्थानीय हिंदी अख़बार के लिए काम करने वाले पत्रकार पवन जायसवाल ने बीबीसी को बताया, "मुझे मेरा काम करने के लिए निशाना बनाया जा रहा है. एफ़आईआर दर्ज होने के बाद मुझे डर लग रहा है."

पवन पर आपराधिक साज़िश और धोखाधड़ी के आरोप में एफ़आईआर की गई है. हालांकि उन्हें अभी तक अपने ऊपर की गई एफ़आईआर की कॉपी नहीं मिली है.

क्या था व्हिडिओ में..



 पवन ने मिर्ज़ापुर ज़िले के ज़मालपुर विकासखंड के प्राथमिक विद्यालय शिउर में छात्रों को मिड डे मील में नमक के साथ रोटी खाते हुए वीडियो रिकॉर्ड किया था.

पवन का बनाया ये वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हो गया जिसके बाद स्थानीय प्रशासन की भूमिका पर गंभीर सवाल खड़े हुए थे.

पवन ने बीबीसी को बताया, "कई दिन से गांव के लोग मुझे स्कूल के मिड डे मील में अनियमितता के बारे में फ़ोन करके जानकारी दे रहे थे और इस विषय को मीडिया के ज़रिए प्रशासन के सामने लाने का आग्रह कर रहे थे."

उन्होंने बताया, "22 अगस्त को भी मेरे पास गांव से एक सूत्र ने फ़ोन किया. स्कूल पहुंचने से पहले मैंने बेसिक शिक्षा अधिकारी को इस बारे में जानकारी दी थी. मैं क़रीब बारह बजे स्कूल पहुंचा तो बच्चे नमक से रोटी खा रहे थे. मैंने तुरंत वीडियो बनाया."

पवन ने बताया, "मैं अख़बार के लिए काम करता हूं. मैंने वो वीडियो ज़िलास्तर के पत्रकारों के पास भेजा जिन्होंने इस संबंध में ज़िलाधिकारी से सवाल किए. वीडियो सामने आने के बाद ज़िलाधिकारी ने जांच करवाई और दो लोगों को निलंबित कर दिया गया."

पवन का दावा है कि स्थानीय प्रशासन ने पांच बार जांच की और वीडियो और घटनाक्रम को सही पाया. छठीं जांच ज़िला विकास अधिकारी प्रियंका निरंजन ने की.


पवन का कहना है कि ज़िला विकास अधिकारी ने उनसे लिखित में इस विषय में शिकायत करने के लिए कहा. उन्होंने कहा, "मैंने उनसे कहा कि मैं पत्रकार हूं. मेरा काम ख़बर करना है, मुझे किसी मामले में पक्ष न बनाया जाए."

जानकारी देने वाला सूत्र गिरफ़्तार?


पवन के मुताबिक जिस व्यक्ति ने उन्हें स्कूल में अनियमितता की सूचना दी थी, उसे हिरासत में ले लिया गया है. वो कहते हैं, "मामला उजागर होने के बाद मुख्यमंत्री ने जांच के आदेश दिए थे. इसके बाद से ही स्थानीय अधिकारी अपने आप को बचाने के लिए मुझे फंसा रहे हैं."

पवन पर आईपीसी की धारा 120बी (आपराधिक षडयंत्र), 420 (धोखाधड़ी) और 193 (झूठे सबूत गढ़ना) के तहत मुक़दमा दर्ज किया गया है. उन्हें डर है कि पुलिस उन्हें भी जल्द ही गिरफ़्तार कर लेगी.

मिड डे मील में बच्चों को नमक-रोटी खिलाए जाने की ख़बर प्रकाशित होने के बाद ज़िला प्रशासन ने कई बार स्कूल की जांच की. ऐसी ही एक जांच करने गए बेसिक शिक्षा विभाग से जुड़े अधिकारी धर्मेश पांडे ने बीबीसी से कहा, "हम स्कूल में जांच करने गए थे. बच्चों को नमक से रोटी खिलाए जाने की बात पाई गई. रसोइया का कहना था कि सब्ज़ी आने में देर हो रही थी इसलिए नमक रोटी खिलाई गई."

वहीं इस मामले में ज़िला प्रशासन का पक्ष जानने के लिए हमने कई बार ज़िलाधिकारी अनुराग तिवारी से बात करने की कोशिश की. उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया. हालांकि उन्होंने स्वयं मौके पर पहुंचकर जांच की थी और मीडिया को दिए बयान में कहा था, "ये बहुत बड़ी अनियमितता है. बच्चों को सरकार की ओर से फल और दूध भी उपलब्ध करवाया जा रहा है. मिड डे मील का पैसा ग्राम प्रधान के पास आता है."

उन्होंने कहा, "जिस दिन का वीडियो है उस दिन दाल रोटी बच्चों को दी जानी थी. जबकि बच्चों को रोटी-नमक दिया गया. ये बहुत बड़ी अव्यवस्था है. इस संबंध में हमने दो लोगों को निलंबित कर दिया है."

ज़िला प्रशासन की ओर से दर्ज कराई गई एफ़आईआर में दावा किया गया है कि पवन जायसवाल ने राजकुमार पाल नाम के व्यक्ति के साथ मिलकर साज़िश के तहत बच्चों का नमक रोटी खाते हुए वीडियो बनाया.

प्रशासन का दावा है कि ग्राम प्रधान के प्रतिनिधि ने जानबूझकर वीडियो बनवाया जबकि उन्हें पता था कि स्कूल में रसोइये के पास सब्ज़ी की कमी है. एफ़आईआर में कहा गया है, "मिड डे मील की व्यवस्था करना ग्राम प्रधान की ज़िम्मेदारी है, जब उनके प्रतिनिधी को सब्ज़ी न होने के बारे में पता चला तो उसे प्रधान को जानकारी देनी थी और रसोइये को सब्ज़ी उपलब्ध करवानी थी."

मिड डे मील केंद्र सरकार की स्कूलों में बच्चों को मुफ़्त पौष्टिक भोजन मुहैया कराने की महत्वकांक्षी योजना है. इसके तहत देशभर के प्राइमरी स्कूलों में बच्चों को खाना खिलाया जाता है. इसका मक़सद ग्रामीण क्षेत्रों में बच्चों में कुपोषण समाप्त करना है.

पवन जायसवाल का बनाया वीडियो वायरल होने के बाद भारत के राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने उत्तर प्रदेश सरकार को नोटिस दिया है.

(News Credit - BBC Hindi)
Tags

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ
* Please Don't Spam Here. All the Comments are Reviewed by Admin.