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यूपी में अपने ही घरों में लाश दफनाने को मजबूर है कई गाँव


मैनपुरी :    उत्तर प्रदेश में एक जिले में ऐसा गाँव है जहाँ हर मुस्लिमों का घर कब्रिस्तान बन गया है. हर घर कब्र ही कब्र नजर आता हैं. यूपी में कई पार्टियों की सरकारें आई और चली गईं, मगर किसी ने कब्रिस्तान नहीं बनावा सकी है. 

वतर्मान योगी सरकार से कई बार गुहार लागाया जा चुका है, लेकिन योगी सरकार ठस से मस नहीं हो रही है. इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि योगी सरकार मुसलमानों के प्रति कितनी संवेदनशील है.

उत्तर प्रदेश में मैनपुरी जिले में करहल तहसील क्षेत्र में एक ऐसा गाँव है, जहाँ लोग घरों में ही लाश दफनाने को मजबूर हैं. उनके यहाँ कब्रिस्तान नहीं है, जिसकी वजह से सालों से परिवारीजन किसी की मौत होने पर लाश को एक कोने में दफन कर देते हैं. 

यह गाँव है मोहब्बतपुर, जहाँ 200 से भी ज्यादा मुस्लिम परिवार रहते हैं. विकास और नौकरियों के अभाव में यहाँ मजदूरी ही मुख्य सहारा है. 

अपने परिवार का गुजर-बसर करने के लिए ये लोग भीख भी मांगते हैं. गाँव वालों का कहना है कि ग्राम प्रधान से लेकर क्षेत्रीय जन-प्रतिनिधियों ने उनकी किसी भी समस्या का समाधान नहीं किया. 

गाँव के बाशिंदे अचल संपत्ति से अभी भी दूर हैं. जिनके पास बिस्वाभर भी जमीन नहीं है. वे अपने यहाँ मरने वाले वालो लोगों के शवों को घर के आंगन में या फिर घर के बरामदे में एवं चबूतरों वाली जगह पर ही दफनाते हैं.

इससे पहले आगरा जिले में भी ऐसे गाँव की खबर आ चुकी है. आगरा में अछनेरा ब्लॉक के छह पोखर गाँव में कुछ मुस्लिम परिवार घरों में ही मुर्दे दफनाते हैं. उन्होंने अपने घरों में एक नहीं, कई-कई परिजनों के शव दफना रखे हैं. 

आलम ये है कि कोई कब्र के पास ही खाना बनाता है, तो कुछ उसी के ऊपर बैठकर खाना खाते हैं. उन्हें अपने पूर्वजों के कब्रों पर इस तरह का काम करना बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं है. उन्हें लगता है कि वह अपने मृत परिजनों का अपमान कर रहे हैं. 

लेकिन, वो करें भी तो क्या करें? उनके पास कोई चारा भी नहीं है. क्योंकि, गाँव में मुर्दों को दफनाने के लिए कोई सार्वजनिक जगह ही उपलब्ध नहीं है. 

(Creddit - Mn Tv)
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